धारा 356 क्या है

भा.द.सं.- भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत, **धारा 356 क्या है** यह एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है जो राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक स्थिति से संबंधित है। इस धारा का उपयोग तब किया जाता है जब किसी राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ जाती है और सरकार को वहां शासन करने में कठिनाई आती है। इस परिस्थिति में, राष्ट्रपति को उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार होता है।

**धारा 356** का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र सरकार एक ऐसे राज्य में प्रशासनिक अनियमितताओं को रोक सके, जहाँ राज्य सरकार सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है। जब राष्ट्रपति को यह विश्वास होता है कि राज्य सरकार संविधान के प्रति निष्ठावान नहीं है या वह संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर रही है, तब वह इस धारा के तहत कार्रवाई कर सकता है।

जब **धारा 356** लागू की जाती है, तो राज्य विधान सभा को भंग किया जा सकता है और राष्ट्रपति राज्य में शासन करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा एक प्रशासन नियुक्त कर सकता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 352, 356 और 360 के तहत आती है। राष्ट्रपति शासन के तहत, केंद्रीय सरकार राज्य की स्थिति की देखरेख करती है और उसकी सभी जिम्मेदारियों को संभालती है।

इसके अतिरिक्त, यह धारा संवैधानिक और कानूनी पालन में राज्य के उचित कार्य करने की आवश्यकता को प्रतिबिंबित करती है। जब किसी राज्य में सुरक्षा, सार्वजनिक शांति या सामाजिक समृद्धि को खतरा होता है, तो इस धारा का प्रयोग आवश्यक हो जाता है। इसके लागू होने के पश्चात, राज्य में असमर्थता का दंश महसूस किया जाता है और केंद्र सरकार को स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होते हैं।

हालांकि, **धारा 356** की प्राविधानों के आलोचनात्मक पहलू भी हैं। कई बार इसका गलत उपयोग किया जाता है, जिससे राजनीतिक कारणों से विरोधी सरकारों को अस्थिर करने के लिए इसका सहारा लिया जाता है। इस कारण यह धारा न्यायपालिका की निगरानी में रहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर इसकी सुनवाई की है और इसे संविधान के प्रविधानों के तहत रखने के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए हैं।

कुल मिलाकर, **धारा 356 क्या है** यह जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे संवैधानिक ढांचे का एक अभिन्न हिस्सा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा संवैधानिक संकट के दौरान सरकारों को सही दिशा में लाने का प्रयास किया जाता है। यह न केवल केंद्र सरकार को कार्य करने का अवसर देती है, बल्कि राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस प्रकार, **धारा 356** भारतीय राजनीति और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके माध्यम से, केंद्र सरकार आवश्यकतानुसार राज्य के मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे महत्वपूर्ण राजनीतिक नगरी, स्थिरता और सामाजिक समृद्धि को बनाए रखने की सुविधा मिलती है। इसके उपयोग और प्रभाव के प्रति जागरूक रहना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, ताकि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जा सके।